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बुधवार, 19 मई 2010

३ हंसिकाए
(१)
मेरी कविताये पढने के बाद
एक पाठक की प्रतिक्रिया थी --
मैं बन गया हू --आपका फैन
मुझे ऐसा लगा -- मानो मैं
आम आदमी से बन गया जेनटल मैंन
या फिर चिराग से --लालटेन
(२)
एक लड़की का मेसेज था ॥
क्या कविता लिखते हो ॥
क्या हो तुम कुवारे ॥
तुमसे मिलने को ॥
नैन हुए बाबरे...
(३)
एक दूसरी प्रतिक्रिया थी ॥
कविता कैसे लिखते हो
भाव कैसे आते हैं तुम्हारे अंदर
तुम्हारी कविता ..
बहुत सुन्दर -बहुत सुंदर

1 टिप्पणी:

  1. पांडेजी आप लिखते बहुत अच्छा है लेकिन इससे भी जोरदार आप की भ्रमिन समाज के लिए जो कमेंट्स लिखते है पता नहीं लेकिन आप की कविताए और कमेंट्स पढके आपका बहुत बड़ा फेन हो गया हु

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